चीन में खाद्य बर्बादी एक बड़ी चुनौती है। यह अधिकतर उत्पादन से जुड़ी है। लोग खाना बर्बाद करते हैं, क्योंकि वे बहुत सारा ऑर्डर करते हैं।
2012 में, "खाली थाली अभियान" शुरू हुआ। यह अभियान खाना बर्बाद करने के खिलाफ था। लोग अपने खाने के खाली बर्तनों की तस्वीरें साझा करते थे।
सरकार ने 2021 में खाद्य सुरक्षा के लिए नियम बनाए। अब अधिक खाना ऑर्डर करने पर दंड हो सकता है।
कठिन शब्द
- बर्बादी — छोटी चीज़ों का नष्ट होना या खराब होना।बर्बाद
- खाना — पोषण के लिए मानव भोजन।खाने
- उत्पादन — किसी चीज़ का बनाना या तैयार करना।
- अभियान — किसी उद्देश्य के लिए संगठित प्रयास।
- सरकार — देश का प्रशासन या नेतृत्व।
- नियम — किसी कार्य को करने के लिए निर्धारित नियम।
युक्ति: जब आप किसी भी भाषा में कहानी पढ़ें या ऑडियो सुनें, तो लेख में हाइलाइट किए गए शब्दों पर होवर/फ़ोकस/टैप करें और तुरंत छोटी-सी परिभाषा देखें।
चर्चा के प्रश्न
- आपके विचार में खाद्य बर्बादी को कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
- क्या आप कभी अपने खाने को बर्बाद कर चुके हैं? उस अनुभव के बारे में बताएं।
- आपके आस-पास के लोग खाद्य सुरक्षा के नियमों के बारे में क्या सोचते हैं?
संबंधित लेख
चीन का नाइजीरिया में लिथियम खनन में निवेश
चीन नाइजीरिया में लिथियम खनन में निवेश कर रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
टोनी रिग्रेलो ने सबसे लंबा स्टीलपैन खेलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया
टोनी रिग्रेलो ने 31 घंटे तक स्टीलपैन खेलकर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह उनके देश, त्रिनिदाद और टोबैगो के लिए गर्व की बात है।
एक ऐसा देश जहाँ तेल के रिसाव को सामान्य माना जाता है
यह कहानी एक ऐसे देश की है जहाँ तेल के रिसाव को आम समझा जाता है। इसमें समुदाय की चिंताओं और पर्यावरणीय नुकसान के बारे में बताया गया है।
श्रीलंका में समुद्री डेटा संग्रह पर प्रतिबंध
श्रीलंका में एक अनुसंधान जहाज का सर्वेक्षण रद्द हो गया है, जिससे समुद्री विज्ञान समुदाय में चिंता बढ़ गई है।
सेव साजिया: पर्यावरण और मानवाधिकार के लिए लड़ाई
सेव साजिया ने निष्कर्ष निकाला की धातु खनन कंपनियों के खिलाफ लड़ाई में जुटे हैं। यह लेख इंडोनीशियाई कार्यकर्ता अद्लुन के संघर्ष की कहानी बताता है।
ऑस्ट्रेलिया में जलवायु संकट और इसके प्रभाव
ऑस्ट्रेलिया में जलवायु संकट के कारण प्राकृतिक आपदाएँ बढ़ रही हैं, जिससे कई प्रजातियां खतरे में हैं। बाढ़, सूखा और शरद ऋतु में आग जैसी समस्याएँ सामने आ रही हैं।