शोध में देखा गया कि भूरी एनोल गर्म तापमान पर हरी एनोल से अधिक आक्रामक हो जाती हैं। शोधकर्ता नियंत्रित एनक्लोज़र में जोड़े रखकर व्यवहार नापते हैं।
इन एनक्लोज़रों ने मौसमी तापमान दिखाया, ठंडी वसंत की दिनों से लेकर भविष्य में अपेक्षित गर्मियों तक। हर परीक्षण में भूरी एनोल अधिक आक्रामक रही। शोध से यह संकेत मिलता है कि तापमान बढ़ने पर इनवेसिव प्रजाति को प्रतिस्पर्धा में लाभ मिल सकता है।
कठिन शब्द
- आक्रामक — दूसरों पर हमला करने या दबाने वाला व्यवहार
- नियंत्रित — किसी चीज़ को नियंत्रण में रखा हुआ
- एनक्लोज़र — बंद जगह जहाँ जानवर रखे जाते हैं
- मौसमी — मौसम के अनुसार बदलने वाला
- प्रतिस्पर्धा — दो या अधिक पक्षों का एक-दूसरे से मुकाबला
- प्रजाति — एक ही प्रकार के जीवों का समूह
युक्ति: जब आप किसी भी भाषा में कहानी पढ़ें या ऑडियो सुनें, तो लेख में हाइलाइट किए गए शब्दों पर होवर/फ़ोकस/टैप करें और तुरंत छोटी-सी परिभाषा देखें।
संबंधित लेख
दिन भर मस्तिष्क गतिविधि का स्थानांतरण
शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग कर एकल-कोशिका स्तर पर दिन भर मस्तिष्क के सक्रिय हिस्सों का क्रमिक परिवर्तन पाया। यह काम PLOS Biology में प्रकाशित हुआ और थकान समझने के लिए उपयोगी संकेत देता है।
COVID-19 के बीच विज्ञान पत्रकारों पर दबाव
यह लेख बताता है कि COVID-19 ने विज्ञान पत्रकारिता पर कैसे प्रभाव डाला है और पत्रकारों के काम करने की स्थिति क्या है।
Monte Sierpe: पेरू की बैंड ऑफ होल्स और लेखा प्रणाली
दक्षिण पेरू की 1.5 किलोमीटर लंबी बैंड ऑफ होल्स में 5,200 गड्ढे हैं। नया अध्ययन कहता है कि ये गड्ढे लेखा, भंडारण और आदान-प्रदान से जुड़ी प्रणाली का हिस्सा रहे होंगे।
SCTLD: टोबैगो के कोरल रीफ पर नया खतरा
ट्रिनिडाड और टोबैगो की IMA ने चेतावनी दी है कि SCTLD नाम का रोग कैरेबियन के कोरल रीफ में फैल रहा है। रोग तेज़ी से ऊतक नष्ट करता है और जनता से लक्षण seaiTT ऐप पर रिपोर्ट करने को कहा गया है।
रेगिस्तानी धूल से बचाने वाली दो प्रणालियाँ
मिस्र के शोधकर्ताओं ने रेगिस्तानी धूल से सोलर पैनलों की सुरक्षा के लिए दो प्रकृति-प्रेरित प्रणालियाँ विकसित कीं। परीक्षणों में लचीले माउंट और वाइब्रेशन से धूल घटने पर उत्पादन बेहतर बना रहा।
जलवायु परिवर्तन से लैटिन अमेरिका के केले खतरे में
जलवायु परिवर्तन लैटिन अमेरिका और कैरीबियन के निर्यात योग्य केले क्षेत्रों के लिए जोखिम बढ़ा रहा है। अध्ययन कहता है कि बिना कदम उठाए 2080 तक कई उपयुक्त क्षेत्र घट सकते हैं और किसानों को अनुकूलन चुनौतियाँ सताएँगी।