मिशिगन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने NASA के Chandra X-ray Observatory के बीस साल से अधिक के डेटा और दर्जनों संस्थानों के योगदान से 1,600 से अधिक आकाशगंगाओं का विश्लेषण किया। नमूना आकार में बहुत भिन्न था — मिल्की वे के द्रव्यमान के लगभग 10 गुना तक से लेकर कितनी छोटी बौनी आकाशगंगाएँ तक। यह काम The Astrophysical Journal में प्रकाशित हुआ।
अध्ययन में पाया गया कि बौनी आकाशगंगाओं में केवल लगभग 30% में संभावित अल्ट्रा-द्रव्यमान कृष्ण विवर हैं, जबकि मिल्की वे जैसे बड़े आकाशगंगाओं में 90% से अधिक में वे मौजूद दिखे। कई बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्रों में चमकीले X-रे स्रोत मिले, जो उस पदार्थ का संकेत हैं जो कृष्ण विवर की ओर गिरते समय गर्म होता है।
टीम ने दो स्पष्टीकरण परखा: छोटे आकाशगंगाओं के कृष्ण विवर बहुत मंद हो सकते हैं या कुछ आकाशगंगाओं में मूलतः केंद्रीय कृष्ण विवर नहीं हैं। डेटा से पता चला कि दोनों प्रभाव महत्वपूर्ण हैं: छोटे विवर कम गैस खींचते हैं और इसलिए X-रे में मंद रहते हैं, पर मंदता पूरी कमी को नहीं समझाती। यह खोज कृष्ण विवर के बनने के दो विचारों में से पहले वाले की तुलना में दूसरे विचार को अधिक संकेत देती है, और आगे की जाँच Laser Interferometer Space Antenna जैसी मिशनों से हो सकती है।
कठिन शब्द
- विश्लेषण — डेटा या जानकारी को जांचकर समझना
- नमूना — किसी बड़े समूह का चुना हुआ हिस्सा
- द्रव्यमान — किसी पिंड में मौजूद पदार्थ की मात्रा
- आकाशगंगा — बड़े पैमाने पर तारों और गैस का समूहआकाशगंगाओं
- कृष्ण विवर — अत्यधिक घना पिंड, जिससे प्रकाश भी नहीं निकलता
- X-रे स्रोत — ऊर्जा वाली X-रे किरणें निकलने वाली वस्तु
- मंद — कम उज्जवल या कम सक्रिय, धीमा
- खींचना — किसी चीज़ को अपनी ओर खींचने की क्रियाखींचते हैं
- प्रकाशित — किसी लेख या जानकारी का सार्वजनिक रूप से छपना
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