जलवायु परिवर्तन से कोको उत्पादन प्रभावित हो रहा है। यह फसल विशेष तापमान पर अच्छी होती है। हाल के शोध से पता चला है कि हाथ से परागण से उपज को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए अधिक शोध किया जाना जरूरी है।
किसानों को उचित परागण विधियों के माध्यम से फसल की उपज बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। यह निरंतरता और स्थिरता को बढ़ावा देगा। कोई भी समाधान तब प्रभावी होगा जब किसान जैव विविधता को बनाए रखने के साथ-साथ अपने पर्यावरण की देखभाल करेंगे।
इन नतीजों को ध्यान में रखते हुए, सरकारों को दीर्घकालिक कृषि रणनीतियों का समर्थन करना चाहिए जो अधिक स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देती हैं।
कठिन शब्द
- निर्बाध — कोई चीज बिना रुकावट के हो रही है।निरंतरता
- स्थिरता — जो हमेशा एक जैसा रहे।स्थायी
- परागण — प्राकृतिक चीजें और उनका संचार।पर्यावरण
- उपज — खेती से प्राप्त फसल या उत्पाद।बढ़ाया
- जैव विविधता — जीवों की विभिन्नता और प्रकार।
युक्ति: जब आप किसी भी भाषा में कहानी पढ़ें या ऑडियो सुनें, तो लेख में हाइलाइट किए गए शब्दों पर होवर/फ़ोकस/टैप करें और तुरंत छोटी-सी परिभाषा देखें।
चर्चा के प्रश्न
- आपको क्या लगता है, किसानों को किस प्रकार की प्रशिक्षण की जरूरत है?
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कैसे कम किया जा सकता है?
- उपयुक्त परागण विधियों के लाभ क्या हो सकते हैं?
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