उज़्बेकिस्तान कचरे से ऊर्जा संयंत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा हैCEFR B1
24 अक्टू॰ 2025
आधारित: Brian Hioe, Global Voices • CC BY 3.0
फोटो: Vincent Tint, Unsplash
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उज़्बेकिस्तान ने कचरे से ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की परियोजना शुरू की है, जो कि चीन के निवेशकों के सहयोग से संभव हो रही है। पहले संयंत्र का निर्माण कार्य आंद्रिजन प्रांत में हो रहा है, जो रोजाना 1,500 टन कचरा जलाकर 240 मिलियन किलowatt-घंटे बिजली उत्पन्न करेगा। इसके लिए 140 मिलियन USD का निवेश किया जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करना है।
कचरे की समस्या उज़्बेकिस्तान में गहराती जा रही है, जहां हर साल 14 मिलियन टन कचरा उत्पन्न होता है। केवल 4 प्रतिशत कचरे को पुनर्नवीनीकरण किया जाता है। नए संयंत्रों से जमा कचरे को ऊर्जा में बदलने की कोशिश की जा रही है, जिससे पारिस्थितिकी संरक्षण में भी सहायता मिलेगी। हालांकि, इन परियोजनाओं के पारदर्शिता को लेकर कुछ चिंताएँ हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है।
उज़्बेकिस्तान में इन संयंत्रों का निर्माण न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विकासशील देश के लिए भी एक नई आर्थिक संभावना प्रस्तुत करता है।
कठिन शब्द
- कचरा — गंदगी या बेकार सामान जो फेंका जाता है.कचरे
- संयंत्र — एक मशीन या जगह जहाँ काम होता है.संयंत्रों
- ऊर्जा — शक्ति जो काम करने के लिए जरूरी है.
- निर्माण — कुछ बनाने या बनाने की प्रक्रिया.निर्माण कार्य
- प्रदूषण — वातावरण में हानिकारक चीजें.
- पारिस्थितिकी — जीवों और पर्यावरण का अध्ययन.
- विकासशील — जो तेजी से बढ़ रहा है.
- निवेश — धन लगाना ताकि लाभ मिले.निवेश किया
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चर्चा के प्रश्न
- आपको क्या लगता है कि कचरे से ऊर्जा बनाना कितना महत्वपूर्ण है?
- उज़्बेकिस्तान में कचरे की समस्या को कैसे हल किया जा सकता है?
- क्या इस तरह की परियोजनाएँ अन्य देशों में भी लागू होनी चाहिए?
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