2025 देवदासी समाप्ति विधेयक का महत्वCEFR A2
28 नव॰ 2025
आधारित: Sumit Kumar Singh, Global Voices • CC BY 3.0
फोटो: zablanca_clicks, Unsplash
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देवदासी प्रणाली भारत में एक पुरानी परंपरा है। इसमें विशेष रूप से लड़कियाँ देवताओं की सेवा करने के लिए समर्पित होती थीं। लेकिन समय के साथ, यह एक शोषणकारी व्यवस्था में बदल गई। आज, देवदासियाँ अपने अधिकारों से वंचित हैं और उन पर यौन दबाव डाला जाता है।
कर्नाटका का 2025 का देवदासी समाप्ति विधेयक बदलाव लाने का एक प्रयास है। यह विधेयक महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और गरिमा को बढ़ाने पर ध्यान देता है। इसमें जागरूकता अभियानों और कानूनी सहायता का भी प्रावधान है।
कठिन शब्द
- परंपरा — पुरानी रीति या प्रथा जो चलती आ रही है।
- समर्पित — किसी चीज के लिए पूरी तरह से तैयार या इंगीत किया गया।
- शोषणकारी — जिसमें किसी का गलत फायदा उठाया जाता है।
- गरिमा — आदर और सम्मान का अनुभव।
- विधेयक — संसद या विधान सभा में पेश किया गया एक कानूनी प्रस्ताव।
- जागरूकता — किसी विषय की समझ और जानकारी।
युक्ति: जब आप किसी भी भाषा में कहानी पढ़ें या ऑडियो सुनें, तो लेख में हाइलाइट किए गए शब्दों पर होवर/फ़ोकस/टैप करें और तुरंत छोटी-सी परिभाषा देखें।
चर्चा के प्रश्न
- आपको क्या लगता है कि देवदासी प्रणाली में बदलाव क्यों जरूरी है?
- महिलाओं के अधिकारों को बढ़ाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
- क्या आपको लगता है कि जागरूकता अभियानों का प्रभाव सकारात्मक होगा?
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